उत्तराखण्ड में आयुर्वेदिक औषधि निर्माण हेतु एक राजकीय औषधि निर्माणशाला ऋषिकुल हरिद्वार में संचालित है जिसमें राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की मॉग के अनुसार शास्त्रीय औषधियों का निर्माण किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड में आयुर्वेदिक औषधि निर्माण हेतु एक राजकीय औषधि निर्माणशाला ऋषिकुल हरिद्वार में संचालित है जिसमें राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की मॉग के अनुसार शास्त्रीय औषधियों का निर्माण किया जा रहा है।
औषधि नियंत्रण आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा निदेशालय उत्तराखण्ड देहरादून में उत्तराखण्ड राज्य हेतु राज्य औषधि अनुज्ञापन अधिकारी नियुक्त किया गया है, नवीन औषधि निर्माणशालाओं को लाइसेन्स जारी करना, उनका नवीनीकरण तथा जी0एम0पी0 प्रमाण पत्र से सम्बन्धित कार्य निदेशक के निर्देशन में सम्पादित किया जाता है।
उत्तराखण्ड राज्य में जडी बूटियों की सुगम उपलब्धता के अनुरूप आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधियों के निर्माण हेतु वर्तमान में 208 फार्मेसियॉ संचालित हैं। जिनमें 01 राजकीय फार्मेसी, 01 भारत सरकार द्वारा संचालित एवं 02 सहकारी क्षेत्र तथा शेष निजी क्षेत्र की फार्मेसियॉ संचालित है। उक्त फार्मेसियों में से वर्तमान में 187 जी0एम0पी0 प्रमाण पत्र धारक हैं तथा शेष फार्मेसियों को जी0एम0पी0 प्रमाण पत्र प्राप्त कराने का प्रयास किया जा रहा है, जिनमें देश / विदेश में ख्याति प्राप्त हिमालया, वैदयनाथ, डाबर, इमामी, पातंजली एवं वी0एल0सी0सी0, मुल्तानी, देशरक्षक, माहेश्वरी, वानलैब आदि सम्मिलित हैं।
आयुष विभाग भारत सरकार एवं राज्य सरकार के सम्मिलित प्रयास से हरिद्वार में राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की गयी है, तथा निजी क्षेत्र की हैं।